प्रबन्धक का संदेश

Manager

प्रबन्धक, रहमानिया पी० जी० कालेज

जाकिर खान

शिक्षा राष्ट्र-निर्माण का महत्वपूर्ण साधन है। समाज के सम्यक् विकास के लिए शिक्षा अति आवश्यक है। भारतीय समाज शिक्षा के बल पर ही अपनी संस्कृति को संरक्षित रखते हुये सभ्यता के चरम सोपान को प्राप्त कर सकता है। समाज में व्याप्त बुराइयों का समापन, सामाजिक उन्नति शिक्षा और अनुशासन की बदौलत ही सम्भव है। एक आदर्श नागरिक बनने के लिए सभी को उच्च शिक्षा प्रदान करना नितान्त आवश्यक है। इसी ध्येय के अनुस्म इस महाविद्यालय की नींव रखी गयी। समस्त छात्र/छात्राओं को अनुशासन में रखकर सदाचार का बोध कराना हमारा लक्ष्य है, इसके साथ ही सभ्य सुन्दर समाज के निर्माण एवं विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए महाविद्यालय परिवार सदैव प्रयासरत है। योग्य एवं कर्मठ प्रवक्ताओं द्वारा अध्यापन कार्य एवं खेल कूद का आयोजन कर हम समस्त छात्र छात्राओं को शारीरिक एवं मानसिक स्म से शक्तिशाली बनाना चाहते हैं। ताकि वे सामाजिक बुराईयों से लड़ सकें एवं एक आदर्श समाज की स्थापना कर सकें।

छात्र छात्राओं के बहुमुखी विकास के लिए महाविद्यालय में वर्तमान समय में महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय, आजमगढ़ द्वारा कला एवं विज्ञान वर्ग की पाठ्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। हम समस्त छात्र/छात्राओं के बहुमुखी विकास के लिए उनमें सांस्कृतिक एवं सामाजिक चेतना, राष्ट्रीयता, अनुशासन, सत्यनिष्ठा, कर्मशीलता, न्यायप्रियता आदि विचार भावना विकसित करने के लिए कटिबद्ध हैं। समन्वय एवं पारस्परिक सामंजस्य के आधार पर मानवीय मूल्यों को स्थापित करना ही हमारा अभीष्ट है। इस सन्दर्भ में प्रसाद की पक्तियाँ कितनी समसामयिक तथा प्रासंगिक हैं।-


शक्ति के विद्युत कण जो व्यस्त, विकल बिखरे हैं, हो निरुपाय।

समन्वय उनका करे समस्त, विजयिनी मानवता हो जाए।

इन्हीं शुभकामनाओं के साथ.....